बुधवार, 28 अक्तूबर 2015

उत्तम विचार

सहस्र किरणों से प्रखर प्रकाशमान सूर्य अपना प्रमाण स्वयं है किन्तु सूर्य को देखने के लिए भी नेत्र चाहिए |
...........योग्य व्यक्ति ही ज्ञानी की विद्वत्ता समझ पाता है |
||जय श्रीराम||

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