गुरुवार, 29 अक्तूबर 2015

एकमेवाद्वितीयं ब्रह्म‬

ब्रह्म के सन्दर्भ में श्रुति के "एकमेव" कथन से अभिप्राय है कि ब्रह्म "एक" ही है | "एव" कार पूर्ण विश्वास का प्रतीक है जो...

Posted by Dharamsamrat Swami Karpatri Ji on Thursday, October 29, 2015

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