ब्रह्म के सन्दर्भ में श्रुति के "एकमेव" कथन से अभिप्राय है कि ब्रह्म "एक" ही है | "एव" कार पूर्ण विश्वास का प्रतीक है जो...
Posted by Dharamsamrat Swami Karpatri Ji on Thursday, October 29, 2015
Swami Hariharananda Sarasvati or Karpatri Ji was respected Vedant Acharya; disciple of Brahmananda Sarasvati; met Yogananda at Kumbh Mela. He was from Dashanami Sampradaya ("Tradition of Ten Names") is a Hindu monastic tradition of "single-staff renunciation" (Ekadaṇḍisannyasi)generally associated with the Advaita Vedanta tradition.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरे बारे में
ब्लॉग आर्काइव
-
▼
2015
(109)
-
▼
अक्तूबर
(27)
- परमात्मा साकार है या निराकार ?
- भगवान विष्णु का स्वरूप कैसा है ? साकार या निराकार ?
- दर्शन गुरु देव श्री कारपात्री
- चेतगंज की नकैक्टया
- Darsana Somnath
- Sai Baba a saint only
- सर्व वेदांत सार: ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या जीवो ब्रह...
- काशी , केदारनाथ और कैलाश - ये तीन 'क'कार नित...
- अद्वैतमते भक्तिः
- Origin of Gurjar as per Sanatan Dharma
- Ten Amazing Facts About Lord Venkateswara And Tiru...
- सनातन अनादि सत्य
- शिव महिमा अपरम्पार
- Somnath Darsana
- विद्यावतां भागवते परीक्षा
- श्री केदारनाथ महिमा
- एकमेवाद्वितीयं ब्रह्म
- || ब्रह्मगणित ||
- सनातन तीर्थ श्री नागेशी मंदिर, बंडोरा, फोंडा, गोआ,...
- सनातन तीर्थ श्री मंगेशी मंदिर, प्रिओल, फोंडा, गोआ,...
- सनातन तीर्थ श्री शांतादुर्गा मंदिर, कवळे, फोंडें, ...
- सनातन तीर्थ श्री महालक्ष्मी मंदिर, बंडोरा, गोआ, भारत
- शिवलिंग ! अश्लीलता या आध्यात्मिकता ?
- उत्तम विचार
- Adi Shankara
- Darsana Omkareshwar
- शाङ्कर-सिद्धान्त-रक्षण
-
▼
अक्तूबर
(27)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें