श्रीमद्वाल्मीकि – रामायण पर सनातनधर्म विरोधी कामिक बुल्के जैसे
कुतार्किकों सहित समस्त पाश्चात्य – विचारधारा के संवाहकों
द्वारा किये गए समस्त आक्षेपों का परमपूज्य धर्मसम्राट् स्वामी
श्री करपात्री जी महाराज के कृपा – कटाक्ष से मुंहतोड़
परिहारात्मक – प्रत्युत्तर : –
रामायण- मीमांसा
धर्म की जय हो !
अधर्म का नाश हो !
प्राणियों में सद्भावना हो !
विश्व का कल्याण हो !
गोहत्या बंद हो !
गोमाता की जय हो !
हर हर महादेव !
रामायण- मीमांसा
धर्म की जय हो !
अधर्म का नाश हो !
प्राणियों में सद्भावना हो !
विश्व का कल्याण हो !
गोहत्या बंद हो !
गोमाता की जय हो !
हर हर महादेव !
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