स्वयं चतुर्मुख ब्रह्मा भी साक्षात् अवतरित हो जाएँ , तो वे भी दो पीठ पर एक शंकराचार्य का अभिषिक्त होना सही सिद्ध नहीं कर ...
Posted by Dharamsamrat Swami Karpatri Ji on Sunday, November 1, 2015
Swami Hariharananda Sarasvati or Karpatri Ji was respected Vedant Acharya; disciple of Brahmananda Sarasvati; met Yogananda at Kumbh Mela. He was from Dashanami Sampradaya ("Tradition of Ten Names") is a Hindu monastic tradition of "single-staff renunciation" (Ekadaṇḍisannyasi)generally associated with the Advaita Vedanta tradition.
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